आम की फसल पर फल मक्खी के प्रकोप से बचाव: एक व्यापक मार्गदर्शिका
फल मक्खी: आम की फसल के लिए एक गंभीर खतरा
आम का मौसम आ गया है, लेकिन साथ ही फल मक्खी के प्रकोप का खतरा भी बढ़ गया है। यह कीट आम के फलों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।
फल मक्खी की पहचान:
- घरेलू मक्खी के आकार का
- पीली रंग की धारियों वाला
- आधे पके या लगभग पके फलों पर हमला करता है
- फल पर डंक मारकर फलों को फटने और सड़ने का कारण बनता है
- फल के छिलके पर भूरे रंग के धब्बे या अजीब रंग
- सड़न की बदबू
- लार्वा फल के गूदे को खाकर उसे नष्ट कर देते हैं
नुकसान:
- 1 से 90% तक फलों का नुकसान, कुछ मामलों में 100% तक
- करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान
- फल की गुणवत्ता में गिरावट
- निर्यात में बाधा
रोकथाम के उपाय:
1. फेरोमोन ट्रैप:
- फल मक्खी के प्रबंधन का सबसे अच्छा तरीका
- प्रति हेक्टेयर 15-20 ट्रैप लगाएं
- पेड़ की निचली शाखाओं पर 4-6 फीट की ऊंचाई पर बांधें
- ट्रैप को सीधे धूप से बचाएं
- 60 दिन पहले ट्रैप लगाना शुरू करें
- 6-10 सप्ताह के अंतराल पर नर मक्खियों की सुगंध बदलते रहें
2. स्वच्छता:
- बाग को साफ रखें
- गिरे हुए फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर दें
- संक्रमित फलों को 60 सेंटीमीटर गहरे गड्ढों में दबा दें या उबलते पानी में डाल दें
3. कृषि पद्धतियाँ:
- गहरी जुताई करें
- समय पर फलों की तुड़ाई करें
- फलों को 48 डिग्री सेल्सियस पर एक घंटे के लिए गर्म पानी में डुबोएं
4. रासायनिक नियंत्रण:
- अंतिम उपाय के रूप में ही रसायनों का उपयोग करें
- डेल्टामेथ्रिन 0.03% का 15 दिनों के अंतराल पर तीन बार छिड़काव करें
- मैलाथियान 50EC के साथ बैट ट्रैप का उपयोग करें
अतिरिक्त जानकारी:
- फेरोमोन ट्रैप पर्यावरण के अनुकूल हैं
- कई देशों ने फल मक्खी के कारण भारतीय आमों पर प्रतिबंध लगा दिया था
- फेरोमोन ट्रैप ने इन प्रतिबंधों को हटाने में मदद की है
निष्कर्ष:
फल मक्खी से बचाव के लिए एकीकृत रणनीति अपनाना महत्वपूर्ण है। फेरोमोन ट्रैप, स्वच्छता, कृषि पद्धतियों और रासायनिक नियंत्रण का संयोजन इस खतरे से निपटने और अच्छी फसल सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।
यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया बेझिझक पूछें।
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