बासमती धान की टॉप 5 किस्में, जो कम समय में देती हैं 60 क्विंटल तक पैदावार

खरीफ सीजन नजदीक है और धान की खेती का समय आ गया है। कुछ किस्में ऐसी हैं जिनसे कम समय में अधिक पैदावार मिल सकती है। यदि किसान बासमती धान की खेती करें तो उन्हें दोगुना मुनाफा हो सकता है। बासमती धान से तैयार चावल सुगंधित और स्वादिष्ट होते हैं और इनकी मांग सालभर रहती है।

बासमती धान की नर्सरी

  • मई-जून में खेत की जुताई कर घास को साफ करें।
  • जून-जुलाई में पहली बारिश के बाद रोपाई शुरू करें।
  • अभी नर्सरी लगाना शुरू करें।


बीज की बुआई कैसे करें?

  • कार्बनडाजिम या त्रिपोजियम से बीज का उपचार करें।
  • बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर नर्सरी में बोएं।
  • 25-30 दिन बाद खेत में रोपाई करें।
  • खेत में 2-3 इंच पानी भरें।


1. पूसा बासमती-6

  • पौधे कम ऊंचाई के होते हैं, जो तेज हवा से सुरक्षित रहते हैं।
  • दाने समान आकार के होते हैं।
  • प्रति हेक्टेयर 55-60 क्विंटल तक पैदावार।

2. कस्तूरी बासमती

  • पौष्टिक गुणों के लिए जानी जाती है।
  • छोटे और सुगंधित दाने
  • स्वादिष्ट चावल।
  • बाजार में अच्छी कीमत
  • 120-130 दिन में तैयार होती है।
  • प्रति हेक्टेयर 30-40 क्विंटल तक पैदावार।

3. पूसा बासमती 1121

  • सिंचित क्षेत्रों में खेती होती है।
  • अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  • लंबे और पतले दाने
  • 140-150 दिन में तैयार होती है।
  • प्रति हेक्टेयर 40-50 क्विंटल तक पैदावार।

4. तरावड़ी बासमती

  • अच्छी किस्म मानी जाती है।
  • अन्य धानों की तुलना में देर से पकती है (140-160 दिन)
  • पतले और सुगंधित दाने
  • प्रति हेक्टेयर 12-15 क्विंटल तक पैदावार।

5. बासमती 370

  • बेहतरीन किस्मों में से एक।
  • भारत और विदेशों में निर्यात होती है।
  • 140-150 दिन में तैयार होती है।
  • सुगंधित और लंबे दाने
  • प्रति हेक्टेयर 20-25 क्विंटल तक पैदावार।

ध्यान दें:

  • उपरोक्त जानकारी सामान्य दिशानिर्देश हैं।
  • स्थानीय जलवायु, मिट्टी की स्थिति और कृषि पद्धतियों के अनुसार किस्मों का चुनाव और खेती करें।
  • कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें।

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