जैविक खादों से कृषि उत्पादन में वृद्धि: विशेषताएं और फायदे
जैविक खेती और जैविक खाद: जैविक खेती एक पुरानी पद्धति है जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके जैविक खाद तैयार की जाती है। यह खाद सस्ती और पर्यावरण मित्र होती है। इसमें मुख्यतः ऐसे पदार्थों का उपयोग किया जाता है जो कृषि उत्पादों से प्राप्त होते हैं लेकिन खाद्यान्न के रूप में उपयोग नहीं होते। इस विधि से खाद तैयार करने पर कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है और महंगाई की समस्या को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
कृषि उत्पादन में गिरावट: पिछले कुछ दशकों में, भारत में कृषि उत्पादन में कमी आई है। चीन के मुकाबले, जहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन 80 से 100 क्विंटल है, वहीं भारत में यह मात्र 40 से 50 क्विंटल है। प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन ने कहा है कि भारतीय कृषि भूमि की उत्पादकता में 100 से 200% वृद्धि की संभावना है।
केंचुए से जैविक खाद: केंचुओं से जैविक खाद बनाने की विधि वर्तमान सदी की देन है। अफ्रीकन नाइट क्राउलर प्रजाति के केंचुए खाद निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। इन्हें 20 से 30 सेंटीग्रेड तापमान में रखा जाता है और उनके प्रजनन के लिए कच्चे गोबर और काली मिट्टी का उपयोग किया जाता है।
जलकुंभी से खाद निर्माण: जलकुंभी, जो तालाबों में एक जंगली खरपतवार है, का उपयोग जैविक खाद निर्माण में किया जा सकता है। इसे प्राकृतिक अवस्था में काटकर छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और एक गड्ढे में गोबर की खाद और काली मिट्टी के साथ रखा जाता है। इसके बाद, केंचुए डाले जाते हैं और उसे 50-60 दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। इस बीच, कुछ बार पानी का छिड़काव किया जाता है। बाद में, केंचुए गड्ढे की सतह पर आ जाते हैं और खाद का रंग हल्का मटमैला हो जाता है।
गोबर की खाद: गोबर की खाद के साथ जलकुंभी का मिश्रण उपयोगी जैविक खाद तैयार करता है। इसे सुखाकर और छानकर थैलों में भरा जा सकता है।
केंचुए की खाद के फायदे: केंचुए की खाद में सामान्य खाद की तुलना में 40 से 45% अधिक पोषक तत्व होते हैं। यह खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और अधिक उत्पादकता देने में सहायक होती है। इसे रबी की फसल में खरीफ की फसल के कटने के बाद डाला जाता है।
निष्कर्ष: जैविक खादों का उपयोग न केवल अधिक उत्पादकता सुनिश्चित करता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। इससे किसानों को आर्थिक संबल प्राप्त होता है और देश की खाद्यान्न उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है। इस प्रकार, जैविक खादों का उपयोग करने से कृषि क्षेत्र में कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, बल्कि किसान की आमदनी और देश की खाद्यान्न सुरक्षा को भी सुनिश्चित करते हैं।
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