Rajasthan: सरसों की खेती में बेमिसाल सफलता की टिप्स 🌾✨



सरसों की फसल पर सफेद Rust  की निगरानी 🕵️‍♂️

जब तापमान कम हो और फसल को बोए हुए 50 से 60 दिन हो जाएं, तो आपको सफेद Rust रोग के प्रति सतर्क रहना होगा। दिसम्बर के महीने में, फसल की पत्तियों के नीचे सफेद रंग के फफोले दिखने लगते हैं और इनके ऊपर पीले धब्बे पाए जाते हैं। इसे रोकने के लिए, Metalaxyl का 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) का घोल छिड़कें। 🍃💧


पहली सिंचाई का सही समय ⏰💧

  1. पहली सिंचाई 30-35 दिन बाद करनी चाहिए। इस समय प्रति बीघा 18-20 किलोग्राम नाइट्रोजन डालें।
  2. सिंचाई से पहले और बाद में निराई करना न भूलें।
  3. पौधों के बीच 15 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखें।

पहली सिंचाई 🧪🌱

सरसों की फसल में पहली सिंचाई 30-40 दिन के बाद करें। सिंचाई से पहले, उर्वरकों में अधूरा आधा मात्रा में यूरिया डालें।

लेट से बोई गई फसल के लिए:

फूल आने से पहले पहली सिंचाई करवाना सुनिश्चित करें। 🌸


एफिड्स का प्रकोप रोकना ⚠️🐜

सरसों में एफिड्स  के प्रति सजग रहें। इसके नियन्त्रण के लिए, dimethoate 30 EC का 600-700 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर या Nimbecidine 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें।


पाउडरी मिल्ड्यू से बचाव 🌫️💩

सरसों की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू से बचने के लिए, Ridomil M.Z.-2 का 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें।


इन सभी उपायों को अपनाकर आप अपनी सरसों की फसल को स्वस्थ और उत्पादक बना सकते हैं। 🌱🤗 अपने खेतों की देखभाल करें और बेमिसाल फसल प्राप्त करें! 

सावधानियां (Precautions)

  1. प्रयोग से पहले लेबल पढ़ें: सभी कीटनाशकों और उर्वरकों की लगी निर्देशों का पालन करें।
  2. पौधों की स्वास्थ्य की जांच करें: समय-समय पर फसल की जांच करते रहे ताकि बीमारी या कीट का जल्दी पता लगे।
  3. बच्चों और पालतू जानवरों को हटा दें: स्प्रे करने के समय इनसे दूर रखें।
  4. सुरक्षा उपकरण का प्रयोग करें: स्प्रे के दौरान दस्ताने, मास्क और चश्मे का उपयोग करें।
  5. खेतों को साफ रखें: निरंतर कृषि खाद्य संरक्षण के लिए कचरा और पुरानी फसल के अवशेष हटाएं।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह जानकारी सामान्य कृषि प्रथाओं और उत्पादों के उपयोग के बारे में है। किसी भी प्रकार के कीटनाशक या उर्वरक का उपयोग करने से पहले, कृपया विशेषज्ञ की सलाह लें। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विभाग या विशेषज्ञ से सम्पर्क करें। सही विधियों का पालन करके आप अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और जोखिमों को कम कर सकते हैं।

Source- IMD

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